मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना (ABY) के तहत आम जनता के अधिक नाजुक हिस्से को स्वास्थ्य देखभाल कवरेज का कार्यालय मिलता है। एबीवाई को अन्यथा प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम जय) कहा जाता है। इसके तहत देश के 10 करोड़ समूहों को हर साल 5 लाख रुपये की चिकित्सा सुविधा मिल रही है।
आयुष्मान भारत योजना (ABY) का उद्देश्य क्या है?
कार्यकारी नरेंद्र मोदी ने 'प्रधान मंत्री जन आरोग्य' योजना (आयुष्मान भारत योजना उदाहरण के लिए ABY) की सूचना दी है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जन्मोत्सव पर 25 सितंबर से देशभर में इसका आयोजन किया जा रहा है। सार्वजनिक प्राधिकरण को एबीवाई के माध्यम से गरीब, बर्खास्त परिवारों और महानगरीय निराश्रित व्यक्तियों के समूहों को चिकित्सा कवरेज देने की आवश्यकता है।
सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 के अनुसार, देश के क्षेत्रों में 8.03 करोड़ परिवार और महानगरीय क्षेत्रों में 2.33 करोड़ परिवार आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) के तहत कवर किए जाएंगे। इस तरह 50 करोड़ लोग पीएम जय के दायरे में आएंगे।
आयुष्मान भारत योजना (ABY) में किन संक्रमणों का होगा प्रचार?
आयुष्मान भारत योजना (ABY) के तहत हर परिवार को सालाना 5 लाख रुपये का क्लीनिकल प्रोटेक्शन मिल रहा है. वर्ष 2008 में यूपीए सरकार द्वारा भेजी गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (एनएचबीवाई) को भी इसी तरह आयुष्मान कहा जाता था।
एबीवाई में किसे मिल रहा है कवरेज?
मोदी सरकार की कोशिश यह है कि महिला, बच्चे और सीनियर सिटीजन को एबीवाई में खास तौर पर शामिल किया जाय. आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में शामिल होने के लिए परिवार के आकार और उम्र का कोई बंधन नहीं है. सरकारी अस्पताल और पैनल में शामिल अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) के लाभार्थियों का कैशलेस/पेपरलेस इलाज हो सकेगा.
एबीवाई की योग्यता का निर्धारण कैसे होता है?
SECC के आंकड़ों के हिसाब से आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में लोगों को मेडिकल इंश्योरेंस मिल रहा है. एसईसीसी के आंकड़ों के हिसाब से ग्रामीण इलाके की आबादी में D1, D2, D3, D4, D5 और D7 कैटेगरी के लोग आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में शामिल किये गए हैं.
शहरी इलाके में 11 पूर्व निर्धारित पेशे/कामकाज के हिसाब से लोग आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में शामिल हो सकते हैं. राज्यों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में पहले से शामिल लोग खुद ही आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में शामिल हो गए हैं.
ग्रामीण इलाके के लिए एबीवाई की योग्यता
आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में शामिल होने के लिए मोटे तौर पर ये योग्यता हैं:
- ग्रामीण इलाके में कच्चा मकान, परिवार में किसी व्यस्क (16-59 साल) का नहीं होना, परिवार की मुखिया महिला हो, परिवार में कोई दिव्यांग हो, अनुसूचित जाति/जनजाति से हों और भूमिहीन व्यक्ति/दिहाड़ी मजदूर
- इसके अलावा ग्रामीण इलाके के बेघर व्यक्ति, निराश्रित, दान या भीख मांगने वाले, आदिवासी और क़ानूनी रूप से मुक्त बंधुआ आदि खुद आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) में शामिल हो जायेंगे.
शहरी इलाके के लिए एबीवाई की योग्यता
- भिखारी, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामकाज करने वाले, रेहड़ी-पटरी दुकानदार, मोची, फेरी वाले, सड़क पर कामकाज करने वाले अन्य व्यक्ति.
- कंस्ट्रक्शन साईट पर काम करने वाले मजदूर, प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर, पेंटर, वेल्डर, सिक्योरिटी गार्ड, कुली और भार ढोने वाले अन्य कामकाजी व्यक्ति
- स्वीपर, सफाई कर्मी, घरेलू काम करने वाले, हेंडीक्राफ्ट का काम करने वाले लोग, टेलर, ड्राईवर, रिक्शा चालक, दुकान पर काम करने वाले लोग आदि आयुष्मान भारत योजना (ABY) में शामिल होंगे.
एबीवाई में अस्पताल में भर्ती की प्रक्रिया
- आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) का लाभार्थी अस्पताल में एडमिट होने के लिए कोई चार्ज नहीं चुकाएगा. अस्पताल में दाखिल होने से लेकर इलाज तक का सारा खर्च इस योजना में कवर किया जायेगा.
- आयुष्मान भारत योजना (एबीवाई) के लाभ में अस्पताल में दाखिल होने से पहले और बाद के खर्च भी कवर किये जायेंगे.
- पैनल में शामिल हर अस्पताल में एक आयुष्मान मित्र होगा. वह मरीज की मदद करेगा और उसे अस्पताल की सुविधाएं दिलाने में मदद करेगा.
- अस्पताल में एक हेल्प डेस्क भी होगा जो दस्तावेज चेक करने, स्कीम में नामांकन के लिए वेरिफिकेशन में मदद करेगा.
- आयुष्मान भारत योजना में शामिल व्यक्ति देश के किसी भी सरकारी/पैनल में शामिल निजी अस्पताल में इलाज करा सकेगा.

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